एक परिवार…

एक परिवार…

एक परिवार...
एक परिवार…। फोटो: राजनांदगांव, डोंगरगढ़

तमन्नाओं से भरी ये जिन्दगी

कुछ पा कर तो देखो

प्रेम के साथ कुछ बतलाकर तो देखो

ये प्रकृति, ये कलियों, सब कहती यही तराना

माँ बाप से बढ़कर जग में नहीं है दुजा खजाना।

उसका अंश ही है एक हमारे लिए वरदान भी है.

कुछ छोड़ गई ममता की पहचान भी है

एक आप जैसा भाई मिल जाए

तो क्या है दोस्तों की जरूरत

आप हमारे लिए देवता समान भी है।

एक और भी है

कहीं भूल न जाए,

जो सबको आगे बढ़ाती है

कहीं छुट न जाए

मैं चाहता हूँ की कहीं रूठ न जाये

रूठ गयी तो ग्रहों की गति रुक न जाये

क्योंकि आगे संसार को चलाने वाली है वो

जो हमारी प्यारी बहना कहलाये ।

 

Date:- 13/3/15

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