है जरूरत प्यार की….
बच्चों को न जरूरत होती है
धन, दौलत ऐसो-आराम की
वो तो कुम्हार की नरम मिट्टी है
जिसको होती है जरूरत प्यार की….
बच्चे को बच्चा न समझो
है जरूरत गुण भण्डार की
हमेशा आपसे तेज ये रहते
जिसको होती है जरूरत प्यार की……..
आज कोई नहीं कमजोर
जरूरत है सिर्फ पहचान की
है इतने जिज्ञासु जिसको
होती है जरूरत प्यार की……
बच्चे तो है नादान
पर है उसको सारा ज्ञान
क्योंकि है ये रूप भगवान की
जिसको होती है जरूरत प्यार की….
Date! 3/4/15