शिक्षक …..

शिक्षक …..

शिक्षक ही नहीं रहा तो दुनिया को कौन पढायेगा….

कलम पेन की नोक पर, दुनिया को बनाने लगे

कागज की इन टुकड़ों से, हम सपने सजाने लगे

कभी नहीं ठहरेगा यह पल, मंजर भी यह ना जायेगा….

शिक्षक ही नहीं रहा तो दुनिया को कौन पढायेगा …..

टुकड़ों से कई तोप बनाएं, कई प्लेन उड़ाए हैं

हवा (जान) फूंक कर हमने उनको, सातों भंवर घूमाए हैं

पानी के हर बूंदों से सागर तो बन जाएगा….

शिक्षक ही नहीं रहा तो दुनिया को कौन पढायेगा….

                           -टोमन लाल बसोने 05/09/2020

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