5 जून, विश्व पर्यावरण दिवस
वैश्विक समुदाय हर साल 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस (WED) मनाने के लिए एक साथ आता है, जिसका उद्देश्य हमारे बहुमूल्य पर्यावरण की सुरक्षा और संरक्षण करना है। इस पहल की शुरुआत सबसे पहले 1972 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा की गई थी, जिसका उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पर्यावरण के मुद्दों पर जागरूकता बढ़ाना और कार्रवाई को बढ़ावा देना था।
विश्व पर्यावरण दिवस की शुरुआत 5 जून से 16 जून तक संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा आयोजित विश्व पर्यावरण सम्मेलन के दौरान हुई थी। तब से, इस दिन को विभिन्न गैर-सरकारी संगठनों, व्यवसायों और सरकारी निकायों से समर्थन मिला है, जो पर्यावरण संबंधी मुद्दों को बढ़ावा देने के लिए संयुक्त राष्ट्र के लिए एक प्रमुख मंच के रूप में काम कर रहा है। आइए हम भविष्य की पीढ़ियों के लिए अपने ग्रह को संरक्षित करने की अपनी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करने के लिए विश्व पर्यावरण दिवस पर एकजुट हों।
विश्व पर्यावरण दिवस का पहला दिन 5 जून, 1973 को मनाया गया, जिसने पर्यावरण संबंधी चुनौतियों पर समुदायों को शिक्षित करने और उन्हें शामिल करने के लिए एक वैश्विक आंदोलन की शुरुआत की।
पिछले कुछ वर्षों में, यह दिन समुद्री प्रदूषण, अधिक जनसंख्या, जलवायु परिवर्तन, सतत विकास और वन्यजीव संरक्षण जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा के लिए उत्प्रेरक के रूप में कार्य करता रहा है।
हर साल 143 से अधिक देशों की भागीदारी को आकर्षित करते हुए, विश्व पर्यावरण दिवस सार्वजनिक जागरूकता बढ़ाने और व्यवसायों, गैर-सरकारी संगठनों, स्थानीय समुदायों, सरकारों और सार्वजनिक हस्तियों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच बन गया है।
हर साल एक निर्दिष्ट थीम के साथ, यह कार्यक्रम एक अधिक टिकाऊ और स्वस्थ ग्रह बनाने की दिशा में वकालत और कार्रवाई को प्रेरित करता रहता है।
विश्व पर्यावरण दिवस कब शुरु हुआ
1974 में, संयुक्त राष्ट्र ने मानवीय पर्यावरण के मुद्दे पर विचार करने के लिए 5-16 जून 1972 तक संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक बुलाई थी।
इन चर्चाओं के दौरान ही विश्व पर्यावरण दिवस की अवधारणा प्रस्तावित की गई थी और 1974 में इसे आधिकारिक तौर पर 5 जून को मनाया जाने लगा। बाद में 1987 में, इस आयोजन के लिए मेजबान देश को बारी-बारी से आयोजित करने का प्रस्ताव रखा गया, जिसके कारण हर साल अलग-अलग देश बारी-बारी से इसे आयोजित करने लगे।
हर साल 143 से ज़्यादा देश इस आयोजन में हिस्सा लेते हैं और सरकारी अधिकारी, पर्यावरणविद और कारोबारी नेता पर्यावरण संरक्षण और स्थिरता से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करने के लिए एक साथ आते हैं।
विश्व पर्यावरण दिवस का महत्त्व
आज का दिन वैश्विक पर्यावरण को बेहतर बनाने और प्रगति में बाधा डालने वाली बाधाओं का समाधान खोजने के लिए महत्वपूर्ण है।
संयुक्त राष्ट्र द्वारा आयोजित विश्व पर्यावरण दिवस, पर्यावरण चेतना को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक प्रमुख वार्षिक कार्यक्रम के रूप में कार्य करता है। इसका प्राथमिक लक्ष्य व्यक्तियों को प्रकृति के संरक्षण के महत्व के बारे में शिक्षित करना और लगातार बढ़ती पर्यावरणीय चिंताओं का समाधान करना है। पर्यावरण संरक्षण के लिए आइए हम सब एक एक पौधा जरूर लगाए।
हमारे कल के लिए पर्यावरण जरूरी
- बड़ती गर्मी का कारण अनधाधून पेड़ो की कटाई है। जिससे वातावरण में ऑक्सीजन की मात्रा कम और कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा बढ़ती जा रही है ।
- कार्बन डाइऑक्साइड सूर्य प्रकाश को शोख कर रखती है जिससे वातावरण का तापमान बढ़ता जाता है।
- इस वर्ष हर महीने गर्मी ने अपना रिकार्ड तोड़ा है। और नवतप्पा शुरू होते ही हर दिन गर्मी लगातार बढ़ी है ।
- इस वर्ष अधिकतम ताप 50 डिग्री सेल्सियस मापी गई है। जो सबको हैरान कर देने वाली है।
- लगातार जल श्रोत भी सुख रहे है जिससे पानी की समस्या बनी हुई है, आने वाले समय में जल संकट नजर आ रहा है।हम पानी के बिना अपना जीवन यापन कैसे करेंगे?
- आने वाली पीढ़ी हमसे ज्यादा तकलीफ में होगी ।
- जिस पर्यावरण ने हमे खाने के लिए भोजन , अन्न, दिए । पीने के लिए पानी दिए। रहने के लिए घर का सामान दिए। शीतल छाया दी आज उसी को। नही बचा पा रहे।