स्पेस मिशन: सुनीता विलियम्स की अंतरिक्ष में तीसरी उड़ान 

स्पेस मिशन: सुनीता विलियम्स की अंतरिक्ष में तीसरी उड़ान

स्पेस मिशन: सुनीता विलियम्स का विशेष कार्यक्रम

सुनीता के लिए ये अंतरिक्ष स्टेशन का तीसरा मिशन होगा। नासा ने एक बयान जारी कर बताया है कि वो इस मिशन की तैयारियों के दौरान 25 अप्रैल गुरुवार को दो मीडिया कार्यक्रमों का आयोजन करेगा। यह मिशन 6 मई सोमवार को रात 10:34 बजे ईडीटी पर फ्लोरिडा के केप कैनावेरल स्पेस फोर्स स्टेशन के स्पेस लॉन्च कॉम्प्लेक्स-41 से लॉन्च किया जाएगा।
##एक अद्वितीय अनुभव
सुनीता विलियम्स ने एक अत्यधिक महत्वपूर्ण स्पेस मिशन पर अपनी कल्पना को साकार किया।
उन्होंने जीवन के सबसे अद्वितीय क्षणों में से एक का सामना किया।
उन्होंने अपने साहसिक काम के जरिए दुनिया को प्रेरित किया।

भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स इन दिनों एक खास मिशन की तैयारियों में जुटी हुई हैं। उन्हें बोइंग स्टारलाइनर नाम के अंतरिक्ष यान पर होने वाले क्रू फ्लाइट टेस्ट मिशन की पायलट के तौर पर चुना गया है। गौर करने वाली बात ये है कि ये इस खास अंतरिक्ष यान की पहली चालक दल वाली उड़ान होगी, जो उसे अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) तक ले जाएगी।
##सुनीता विलियम्स की इस मिशन की खासियत

नासा के अंतरिक्ष यात्री बुच विलियम्स और सुनीता विलियम्स यूनाइटेड लॉन्च एलायंस एटलस वी रॉकेट की मदद से बोइंग के स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान में सवार होकर अंतरिक्ष का सफर तय करेंगे। उनकी मंजिल है – अंतरिक्ष स्टेशन यानी अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS)। वहां पर ये लगभग एक हफ्ते तक रहेंगे।

आपको यह जानकर खुशी होगी कि मिशन नासा के कमर्शियल क्रू कार्यक्रम का एक अहम हिस्सा है। ध्यान देनी  वाली बात ये है कि ये स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान के लिए पहली चालक दल वाली उड़ान होगी। इस मिशन के दौरान अंतरिक्ष यान की पूरी कार्यप्रणाली का परीक्षण किया जाएगा। इसमें लॉन्च से लेकर अंतरिक्ष स्टेशन से जुड़ने और अंत में पृथ्वी पर सुरक्षित वापसी, सभी चीजें शामिल हैं।
उनकी साहसिकता और परिश्रम से उन्होंने जगह की ऊंचाइयों को छू लिया।
उनकी क्षमता ने उन्हें दुनिया भर में मशहूर बना दिया।
उनका योगदान स्पेस मिशन में अविश्वसनीय था।
##भविष्य की दिशा
– सुनीता विलियम्स के इस कार्यक्रम के महत्व को समझते हुए, भविष्य में भी ऐसे अद्वितीय कार्यक्रम का आयोजन किया जाना चाहिए।
+ इससे नए ज्ञान की प्राप्ति होगी।
+ इससे स्पेस रिसर्च में नई ऊंचाइयों की प्राप्ति होगी।

वे अद्वितीय मिशन जो सुनीता विलियम्स के नाम शामिल हैं 

सुनीता विलियम्स अंतरिक्ष यात्राओं की दुनिया में एक जाना माना नाम हैं। उनका अंतरिक्ष सफर दिसंबर 2006 में अभियान STS-116 के चालक दल के साथ फ्लाइट इंजीनियर के तौर पर उड़ान भरी। चार स्पेसवॉक में उन्होंने कुल 29 घंटे 17 मिनट का समय बिताया और महिला के तौर पर एक रिकॉर्ड बनाया। जून 2007 में वह STS-117 चालक दल के साथ पृथ्वी पर वापस लौटीं।

उनकी दूसरी अंतरिक्ष यात्रा अभियान जुलाई 2012 से नवंबर 2012 तक चली। कजाकिस्तान के बैकोनूर कॉस्मोड्रोम से रूसी सोयुज कमांडर यूरी मालेनचेंको और जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी के अकिहिको होशिदे के साथ लॉन्च कर वो अंतरिक्ष स्टेशन पहुंचीं। वहां उन्होंने चार महीने तक रिसर्च और एक्सप्लोरेशन में अहम भूमिका निभाई। इस दिनों उन्होंने कुल 50 घंटे 40 मिनट के स्पेसवॉक का नया रिकॉर्ड बनाया।

सुनीता विलियम्स के नाम विशिष्ट पुरुस्कार व सम्मान 

पुरस्कारों और सम्मानों से सम्मानित सुनीता विलियम्स सिर्फ एक अंतरिक्ष यात्री ही नहीं बल्कि एक प्रेरणा स्रोत हैं। रिटायर्ड अमेरिकी नौसेना कप्तान के रूप में उन्होंने अपने काम के लिए कई सम्मान प्राप्त किए हैं, जिनमें

  • दो बार डिफेंस सुपीरियर सर्विस मेडल,
  • लीजन ऑफ मेरिट,
  • दो बार नेवी कमेंडेशन मेडल,
  • नेवी और मरीन कॉर्प्स अचीवमेंट मेडल
  • मानवतावादी सेवा मेडल

वर्तमान में वह एक और चुनौती के लिए तैयार हैं। वे बोइंग के स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान पर होने वाले क्रू फ्लाइट टेस्ट मिशन की पायलट बनने के लिए ट्रेनिंग ले रही हैं। गौर करने वाली बात ये है कि ये अंतरिक्ष स्टेशन यानी अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) का उनका तीसरा मिशन होगा।

##सामाप्ति
सुनीता विलियम्स के स्पेस मिशन का विशेष कार्यक्रम हमें स्पेस रिसर्च के महत्व को समझाता है।
– उनके साहसिक काम के माध्यम से वे हमें एक नयी दिशा की ओर ले जाते हैं।
– उनका योगदान स्पेस साइंस में अद्वितीय है और हमें गर्व महसूस करना चाहिए।

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